
छिंदवाड़ा जिले में का निजी संग्रहित का प्रतिष्ठानों में काम कर रहे मजदूरों की समस्या एवं मानसिक प्रताड़ित की घटना उठ रही है कोई भी मजदूर संगठन में संगठित करके उनकी आवाजों को उठाने की कोशिश नहीं कर रहा श्रम विभाग की कागज पूर्ति एवं मोचक निरीक्षण की कमी के कारण ठेकेदार एवं मालिकों की अत्याचार दिन व दिन बढ़ते जा रहा है महानगरों की तर्ज में छिंदवाड़ा धीरे-धीरे आगे विकास की ओर बढ़ रहा है लेकिन श्रमिकों की मामूली से वेतन एवं उनका हर प्रकार से सोशल निरंतर जारी है आपका सीमित दुर्घटना होने पर परिवार को कुछ नहीं क्षतिपूर्ति की राशि नहीं दी जाती जिससे कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर एवं बहुत ही दाहिनी हो जाती है !!!!
हर जिले में जिला श्रम अधिकारी का कार्यालय है तथा उनका कर्तव्य रहता है कि यह विभिन्न प्रतिष्ठान में जाकर पोशाक निरीक्षण एवं जो कमी पाई जाती है उसका निस्तारक किया जाए तथा श्रमिक संगठन कर्तव्य रहता है कि मजदूरों को संगठन करके उनकी आवाज को शासन एवं उनकी हर प्रकार की समस्या के लिए आवाज़ उठाएं देखें छिंदवाड़ा में इसका कुछ भी असर नहीं देखने को मिलता है ,,
कहीं-कहीं मजदूरों को बंधुआ मजदूर बनकर काम किया जाता है तीन-तीन दिन के काम के लिए उन्हें प्रतिमाह 6000 से महीने के रूप में काम करके उनके विभिन्न तरीके से सोशल निरंतर जारी है,,,,,,,
आपको बताते चले कि मुख्यमंत्री में लोकसभा चुनाव के पूर्व घोषणा की थी और कुशल कुशल श्रेणी के कामगारों को शासन की नीति के अनुसार एक निश्चित मजदूरी तय की थी लेकिन कागजों पर भी यह खानापूर्ति हो जाती है वास्तविकता में उन्हें कोई लाभ नहीं मिलता है,,,,,,
पारिवारिक सुरक्षा, चिकित्सा सुविधा,, सामूहिक बीमा साप्ताहिक अवकाश क्षतिपूर्ति राशि आदि ऐसी कई सुविधाएं एवं शासन की सेवा है इसमें की फंड संचय ज्योति छिंदवाड़ा के विभिन्न प्रतिष्ठानों अभी नहीं आए सर छिंदवाड़ा जिले के मजदूर श्रमिक काम कर रहे हैं रामगोपाल यादव ने बताया है कि मैं एक मोटरसाइकिल का शोरूम में काम करता वीडियो की मामूली से ₹5000 प्रति माह में काम मिलता है कि उसके बदले मुझे कोई अन्य सुविधा नहीं मिलती संगठन हमें संगठन करके हमारी मांगों को उठाएं एवं पहुंचने का काम करें